Sunday 7 July 2013

'गरीबी' से सुरक्षा कब मिलेगी ?




और आख़िरकार राष्ट्रपति मंजूरी मिलने के साथ ही देश में खाद्य सुरक्षा विधेयक के पारित होने का रास्ता साफ़ हो गया। कुछ लोग इसे कांग्रेस का सियासी का चुनावी दांव बता रहे हैं तो कुछ लोग इसे गरीबों के लिए वरदान बता रहे हैं,पर यहाँ पर सवाल ये उठता है कि देश की एक तिहाई आबादी को सस्ती दरों पर अनाज उपलब्ध कराने हेतु सरकारी खजाने पे जो अतिरिक्त बोझ पड़ेगा उसकी भरपाई भी तो इस देश की ही बाकि जनता को करनी पड़ेगी,चाहे वो टैक्स बढाकर की जाये या फिर महंगाई बढाकर..भुगतना तो इस निर्दोष जनता को ही है। इस बात से इनकार नही किया जा सकता कि देश का बड़ा वर्ग इस योजना से लाभान्वित होगा,पर यह तभी संभव हो पायेगा जब यह अनाज सच में भूखे सो रहे लोगों तक पहुंचेगा।
अपने देश की भ्रष्ट हो चुकी राजनीति में 'कौन लोग गरीब हैं' इसका चयन भी मन-मर्जी से किया जाता है,इसका उदहारण हम फर्जी बी पी एल कार्ड धारकों के खुलासे के रूप में देख चुके हैं,इसलिए जरुरी है की इस योजना का लाभ उन्ही को मिले जिन्हें वाकई में इसकी जरुरत है यानि जो जो सच में दिनभर की कमरतोड़ मेहनत के बाद भी अपने परिवार को दो वक़्त की रोटी नहीं दे पाते।
अब देखना ये है कि इस योजना से कितना  लाभ देश के भूखे-गरीबों को मिलेगा और कितना लाभ एक के बाद एक घोटालों से घिरी सरकार को,ये तो आने वाला वक़्त ही बताएगा........

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