Saturday 25 January 2014

'गणतंत्र' बनाम "गनतंत्र"


गणतंत्र दिवस के अवसर पर आप सभी को शुभकामनायें।
इस समारोह के समाप्ति के साथ ही राजनीति के 'रंगा सियारों' की हुंआ-हुंआ एक बार फिर दुगने जोर-शोर से शुरू हो जाएगी।
'सेकुलरिस्म', 'भ्रष्टाचार', 'अधिकार', 'गरीबी', 'विकास' जैसे विभिन्न प्रकार के रंगों के घोल में डुबकी मारकर इन सियारों ने अपना रंग और भी गाढ़ा कर लिया है...इसलिए पहचानना थोड़ा मुश्किल है,,,पर नामुमकिन नहीं।
इसलिए जनता,,बी अलर्ट..!
इनको मौका दिया तो "अपना काम बनता-भाड़ में जाये जनता" वाला फ़ॉर्मूला हमपे कब लागू हो जाये,पता नहीं चलेगा।
सही मायनों में गणतंत्र तभी होगा जब 'तंत्र' की बागडोर 'गण' के हाथों में हो..वरना इस गणतंत्र को "गनतंत्र" में तब्दील होते देर नहीं लगेगी....बाकी तो 'आप' सयाने हैं ही।