वीडियो
एडिटिंग के प्रकार तथा चरण
Video
Editing: Types & Steps (वीडियो संपादन)
वीडियो एडिटिंग अथवा वीडियो संपादन वीडियो कार्यक्रम निर्माण का एक महत्वपूर्ण भाग
है । किसी भी वीडियो कार्यक्रम का निर्माण कार्य मुख्यतः तीन चरणों से होकर गुजरता
है- प्री-प्रोडक्शन, प्रोडक्शन तथा
पोस्ट-प्रोडक्शन । वीडियो संपादन पोस्ट-प्रोडक्शन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है जो
वीडियो शूट किए जाने के बाद होता है । किसी भी फिल्म, टेलीविजन
या डॉक्यूमेन्ट्री के लिए फिल्माई गई वीडियो सामग्री को आवश्यक कांट-छांट तथा अन्य
विशेष प्रभावों के प्रयोग से उसे प्रसारण योग्य बनाने की कला को वीडियो संपादन या
वीडियो एडिटिंग कहते हैं । वीडियो संपादन एक कलात्मक कार्य है जो वैज्ञानिक पद्धति
की सहायता से किया जाता है । अर्थात् वीडियो संपादन कला और विज्ञान का रचनात्मक
संगम है । आई मैक, एफसीपी मैक प्रो, एडोब प्रीमियर, एडियस इत्यादि वीडियो संपादन
के लोकप्रिय सॉफ्टवेयर हैं जो वर्तमान में, एबी रोल
सुविधा, डिजिटल ध्वनि संपादन और डिजिटल वीडियो संपादन
सुविधाओं से युक्त हैं ।
वीडियो संपादन के मुख्य प्रकार निम्नलिखित हैं-
§ लीनियर एडिटिंग ( Linear Editing) –
इसे रीयल टाइम एडिटिंग ( Real time Editing) तथा टेप-टू-टेप एडिटिंग (Tape-to-Tape Editing) भी कहा जाता है । 90 के दशक के पहले तक इसका प्रयोग अधिक किया जाता था
। इसमें विभिन्न टेपों के कई वीडियो क्लिप एक ही टेप पर क्रमवार संपादित किए जाते
थे । इस तरह की एडिटिंग में कवरेज के टेप्स को एक-एक करके कॉपी किया जाता है और
फिर एक-एक करके ही उन्हें एडिट किया जाता है। इनमें ग्राफिक का अभाव था ।
§ नॉन-लीनियर
एडिटिंग ( Non-Linear Editing) –
इसे डिजीटल एडिटिंग (Digital Editing), टाइम
लाइन बेस्ड एडिटिंग (Timeline based Editing) तथा
सॉफ्टवेयर बेस्ड एडिटिंग (Softwere based Editing)भी
कहा जाता है । इसमें विभिन्न कम्प्यूटर सॉफ्टवेयरों जैसे एफसीपी, एडोब प्रीमियर आदि की सहायता से संपादन का कार्य होता है । यह वर्तमान
में सबसे प्रचलित विधि है जिसका प्रयोग विभिन्न मीडिया तथा फिल्म संस्थानों में हो
रहा है । इसके अंतर्गत कट, पेस्ट जैसी बुनियादी सुविधाओं
के अतिरिक्त विभिन्न प्रकार के ग्रफिक्स, ट्रांजीशन,
एनिमेशन, साउन्ड इफेक्ट्स आदि संपादन के
लिए उपलब्ध होते हैं ।
§ ऑफलाइन
एडिटिंग ( Offline Editing) –
ऑफ़लाइन संपादन एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें कच्चे फुटेज को मूल
फिल्म या वीडियो टेप को प्रभावित किए बिना मूल स्रोत से कॉपी कर संपादन कार्य किया
जाता है ।
§ ऑनलाइन एडिटिंग (Online editing) –
इसका प्रयोग लाइव टेलीकास्ट करने के लिए होता है जिसमें 40
सेकेन्ड के बाद वीडियो प्रसारित होता है ।
वीडियो संपादन की प्रक्रिया (नॉन-लीनियर एडिटिंग के संदर्भ में ) –
डम्प
इन →
रफ कट →
फाइनल कट
→ डम्प आउट
§ डम्प
इन (Dump
in/ Import)- इसमें रिकॉर्ड किए गए फुटेज को कम्प्यूटर सिस्टम के
वीडियो एडिटिंग सॉफ्टवेयर में हार्ड डिस्क या अन्य मेमोरी डिवाइसों से इन्सर्ट
किया जाता है ।
§ रफ
कट (Rough
cut)- इस प्रक्रिया में रिकॉर्ड किए गए फुटेज को कम्प्यूटर
सिस्टम के वीडियो एडिटिंग सॉफ्टवेयर के टाइमलाइन पर कथा-पटकथा के अनुसार क्रमवार
रखने का कार्य किया जाता है । इसके पश्चात् ही आगे का संपादन कार्य संभव हो पाता
है । इसे सिक्वेंसिंग (Sequencing) भी कहा जाता है ।
§ फाइनल
कट (Final
cut)- यह वीडियो एडिटिंग का सबसे महत्वपूर्ण भाग है जिसमें समस्त
संपादन का कार्य होता है जैसे- एनिमेशन, ग्राफिक्स,
स्पेशल इफेक्ट्स, डबिंग, मिक्सिंग, ट्रांजीशन इफेक्ट्स, फेड इन तथा फेड आउट इत्यादि ।
§ डम्प
आउट (Dump
Out/ Export) – यह वीडियो एडिटिंग की प्रक्रिया का अंतिम भाग है
। इसमें समस्त संपादन कार्य होने के बाद अंतिम रूप से संपादित वीडियो सामग्री को
प्रसारण या भविष्य में अन्य प्रयोग के लिए अपनी मेमोरी डिवाइस में संरक्षित (Save)
कर लिया जाता है ।