Sunday 7 January 2018

जनसंपर्क शोध

जनसंपर्क शोध

 

जनसंपर्क   : एक परिचय

जनसंपर्क का अर्थ है लक्षित जनता से लक्षित उद्देश्यों की पूर्ति हेतु संपर्क स्थापित करना । जनसंपर्क संचार की एक प्रक्रिया हैजिसमें जनता से संचार स्थापित किया जाता है । विभिन्न विद्वानों ने इसे निम्नलिखित रूप में परिभाषित किया है -

ब्रिटिश इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक रिलेशन्स के अनुसार –

जनसंपर्क जनता और संगठन के बीच सोच-समझकर,योजनाबद्ध तरीके से निरंतर किया जाने वाला प्रयास है।

जे.एल. मेकेनी (J.L. Macany) के अनुसार ‘‘प्रशासन में जन-सम्पर्कअधिकारी वर्ग तथा नागरिकों के मध्य पाये जाने वाले प्रधान एवं गौण सम्बन्धों द्वारा स्थापित प्रभावों एवं दृष्टिकोणों की पारस्परिक क्रियाओं का मिश्रण है। यह मानते हैं कि ‘‘ जनसंपर्क प्रशासन के उस कार्य का एक भाग है जिसके अन्तर्गत वह इस बात का पता लगाता है कि उसके संगठन तथा कार्यक्रम के बारे में लोग क्या सोचते हैं?’’

जॉन डी. मिलेट (John D. Millett) के अनुसार, ‘‘ जनसंपर्क इस बात की जानकारी प्राप्त करता है कि लोग क्या आशा करते है तथा इस बात का स्पष्टीकरण देता है कि प्रशासन उन मांगों को कैसे पूरा कर रहा है?’’

एच.एल. चाइल्ड्स (H.L. Childs) ने जनसंपर्क को परिभाषित करते हुए कहा है कि ‘‘विभिन्न जन-समूहों के मत को प्रभावित करने के लिए एक संगठन जो भी कार्य करता है वह सब जन सम्पर्क है।

 

जनसंपर्क का प्रारंभिक स्वरूप-

संत-महात्माओंराजाओं द्वारा प्रवचनस्तूपोंशिलालेखों के माध्यम से जनसंपर्क का कार्य प्राचीन समय से ही प्रारंभ हो चुका था ।

मुगल काल के ‘वाकयानवीस’ के द्वारा जनसंपर्क का कार्य काराया जाता था ।

1914-18 के दौरान सेंट्रल पब्लिसिटी बोर्ड की स्थापना ।

1921 में सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इनफॉर्मेशन की स्थापना जिसे 1931 में डायरेक्ट्रेट ऑफ इन्फॉर्मेशन एंड ब्रॉडकास्टिंग कर दिया गया ।

1955 में IPRA (International Public Relations Association ) का गठन .

1958 पब्लिक रिलेशन्स सोसाइटी ऑफ इंडिया की स्थापना .

1958 में ही भारत में सर्वप्रथम टाटा (TATA) ने जनसंपर्क की संकल्पना को अपनाया . 

आई वी ली को आधुनिक जनसंपर्क का पिता माना जाता है .


इसे भी पढ़ें- शोध का अर्थपरिभाषातत्वमहत्वप्रकारचरण और शोध डिजाइन

जनसंपर्क शोध-

द्विपक्षीय प्रक्रिया के कारण जनसंपर्क विज्ञापन से महत्वपूर्ण है  । उद्भव काल से वर्तमान तक राजनीतिक संचार तथा जनमत निर्माण में सक्रिय भूमिका निभा रहा है । सरकारी -गैर सरकारी क्षेत्रों में इसकी जरूरत तथा राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय चुनावों में बढ़ते प्रयोग की वजह से जनसंपर्क शोध अत्याधिक महत्वपूर्ण हो गया है । जनसंपर्क शोध के अंतर्गत जनता तथा संगठन के संबंधों के विविध आयामों पर शोध किया जाता है.

जनसंपर्क शोध के उदाहरण-

Øओपिनियन पोल

Øएक्जिट पोल

Øमार्केट रिपोर्ट्स

Øकॉरपोरेट सोशल रिस्पॉंसबिलिटी

 

जनसंपर्क शोध के प्रकार -

जनसंपर्क में शोध ( Research IN public Relations)

जनसंपर्क पर शोध ( Research ON public Relations)

जनसंपर्क के लिए शोध ( Research FOR public Relations)

 

जनसंपर्क शोध के उद्देश्य-

ध्यान आकर्षित करना (Brand Promotion)

विश्वास अर्जित करना (Image Building)

समझ विकसित करना (Crisis Management)

जनमत तैयार करना

बदलती मनोवृत्ति का अध्ययन

जनसंपर्क शोध के बिंदु -

आंतरिक (Internal) शोध-

Institution

Employee

Management

Production

House Journal

Trade Unions

Labour

बाह्य (External) शोध-

Target Group

Media (Print, Electronic etc..)

Consumer

Share Holders

Community

Distributor

Local Authority

Government

जनसंपर्क शोध के अंतर्गत होने वाले शोध-

मौलिक शोध

व्यावहारिक शोध

मात्रात्मक शोध

गुणात्मक शोध

मूल्यांकन शोध

जनसंपर्क शोध की सहायक सामग्री-

Traditional media

Print media

Electronic media

New media

Libraries

Databases

Government Documents and websites

Press Relies and Conferences

 

संदर्भ ग्रंथ सूची-

मीडिया शोधमनोज दयालहरियाणा साहित्य अकादमी

आधुनिक विज्ञापन और जनसंपर्कडी. के. रावनेहा पुस्तक केन्द्रदिल्ली

Mass media Research, Wimmer & Dominic

 

इसे भी पढ़ें - सैंपलिंग ( निदर्शन) Sampling

 

 

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